तस्लीमा स्वीडन में
बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन
बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन की सुरक्षित ठिकाने की तलाश अब पूरी हो गई है। अपशाला न्या टिडनिंग में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, स्टॉकहोम के उत्तर में स्थित अपशाला शहर की परिषद नसरीन को महीने में पांच हजार क्रोनर (833 डॉलर) भत्ता देगी। साथ ही उनके निवास का दो साल तक खर्च भी उठाएगी। यह दूसरा मौका है जब तस्लीमा स्वीडन रहने आई हैं।
1994 में उन्हें तब स्वीडन आना पड़ा था जब विवादास्पद किताब 'लज्जा' पर बांग्लादेश के इस्लामी कट्टरपंथियों ने उनके खिलाफ फतवा जारी किया था। तस्लीमा एक प्रशिक्षित डॉक्टर भी हैं और एक दशक से भी ज्यादा अर्से तक यूरोप और अमेरिका में रही हैं। उसके बाद उन्होंने कोलकाता को अपना ठिकाना बनाया, लेकिन पिछले साल एक कट्टरपंथी समूह द्वारा उनके खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के बाद उन्हें मजबूरी में कोलकाता छोड़ना पड़ा। 45 साल की तस्लीमा हृदय रोग से पीड़ित हैं। उनके लिए भत्ते का आग्रह लिबरल पार्टी की सांसद सेसिलिया विकस्ट्रॉम ने किया था। सुरक्षित आशियाने की तलाश अब बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन को स्वीडन ले आई है।
मंगलवार, 17 जून 2008
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